Iski vyakhya...please
मित्र!
इसकी पूरी व्याख्या देना संभव नहीं है। हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
गाना ख़त्म होने के बाद जब दुक्कड़ पर चोट हुई। उसके बाद दूसरी तरफ से टुन्नू ने ज़ोर-शोर से गाना शुरू किया।
रानियों को परमेसरी लोट चाहिए। उन्होंने माथे पर मोती के समान बिंदी लगाई हुई है। उनकी साड़ी बहुत सुंदर है तथा उसमें सुनहरी गोटा लगा हुआ है। उनके पैरों तले घेवर और बुंदिया कुचले जा रहे हैं। उनको किसी बात की परवाह नहीं क्योंकि उनको सभी चीज़े बहुत अधिक प्राप्त है।
इसकी पूरी व्याख्या देना संभव नहीं है। हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
गाना ख़त्म होने के बाद जब दुक्कड़ पर चोट हुई। उसके बाद दूसरी तरफ से टुन्नू ने ज़ोर-शोर से गाना शुरू किया।
रानियों को परमेसरी लोट चाहिए। उन्होंने माथे पर मोती के समान बिंदी लगाई हुई है। उनकी साड़ी बहुत सुंदर है तथा उसमें सुनहरी गोटा लगा हुआ है। उनके पैरों तले घेवर और बुंदिया कुचले जा रहे हैं। उनको किसी बात की परवाह नहीं क्योंकि उनको सभी चीज़े बहुत अधिक प्राप्त है।