iss kavita ka bhavarth kya ho sakta hai ?????
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नमस्कार मित्र!
मित्र पूरी कविता का भावार्थ देना कठिन है। परन्तु साधारण शब्दों में कहे तो इस कविता का भावार्थ है कि वर्षाकाल में पर्वतीय प्रदेश का प्रकृति सौंदर्य इतना रमणीय होता है कि मन मोहित हो जाता है।
ढेरों शुभकामनाएँ!