It is a long answer question.
उत्तर: चिड़िया कंठ खोलकर और रस ऊँड़ेकर गाती है, अर्थात् वह तेज और मधुर स्वर में गाती है। उसके गाने वातावरण में रस घोल देते हैं। वह अपने सभी गीत बूढ़े वन बाबा को समर्पित करती है।नन्ही चिड़िया को उस वन से भी बहुत प्यार है जिसमें वह रहती है तथा अपने बूढ़े वन बाबा और उसके वृक्षों के लिए वह अपने मीठे कंठ से मधुर और सुरीला गीत गाती है। उसे एकांत में रहना पसंद है तथा वह प्रकृति के साथ इस गीत का अकेले में आनंद लेना चाहती है।