नवाबी महत्वकंशाये , हमेशा शीर्ष पर रहने के बाद हाशिये पर सरकते चले जाने की यातना क्रोध बनकर हमेशा माँ को kaकपाती -thartथरथराती रहती थी? स्पस्ट कीजिये... मुझे ये pपंक्ति समझ नही आई...कृपया मदद करे

इस पंक्ति का अर्थ है कि लेखिका के पिताजी लोगों के मध्य हमेशा सबसे ऊपर बने रहे। उन्होंने लोगों की सहायता की और समाज में ऊँचा स्थान पाया लेकिन धीरे-धीरे उनका समय बदला और उनकी स्थिति में बदलाव आया। अब लोगों के मध्य उनका वह रूतबा नहीं था। अब उनकी गिनती प्रथम में नहीं होती थी। अब उनकी गिनती कमज़ोर तथा नाकामयाब लोगों में होने लगी थी। उनके पिता इस बदलाव को सह न पाए और धीरे-धीरे अंदर ही अंदर घुटने लगे। उनकी यह घुटन गुस्सा बनकर माँ पर निकलती थी। क्योंकि माँ पर ही वह अपना क्रोध निकाल पाते थे। माँ उनके क्रोध से डरती थी और जब वह क्रोधित होते माँ अत्यधिक डर जाती।

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