kabir ne sukhi va dukhi vyakti ka prayog kyu kiya hai? spasht kijiye...

कबीर इसके माध्यम से मनुष्य की स्थिति को स्पष्ट करना चाहते हैं। कबीर के अनुसार इस संसार के लोग सुख-सुविधाओं को भोगकर स्वयं को सुखी समझते हैं। लेकिन एक ज्ञानी और भक्त मनुष्य ईश्वर को जानकर उसे पाने की चाह में भटकता रहता है। अतः वह दुखी रहता है क्योंकि प्रभु मिलन के लिए उसकी आत्मा आतुर रहती है।

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