kanya dan kaha tak sahi hai par speech

मित्र हम आपको एक कुछ बिन्दु लिखकर दे रहे हैं। कृपया आप स्वयं इसे विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास करें।
 भूमिका- इसमें आप कन्यादान के विषय में तीन- चार पंक्तियों में लिखें।
विषय- विस्तार- इसमें इसके हानि एवं लाभ आदि के विषय में लिखें।
उपसंहार- इसमें अपने विचारों को लिखें।

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कन्यादानया अभिशाप. दान करने के नामपर. रहन रखने की. ये अजब रस्म देखी. बेटी ना हुई. कोई जमीन हुई. जिसपरजो चाहे. जैसे चाहे हल चलाये. या मकान बनाए. या कूड़े का ढेर लगाये. मगर वो सिर्फ. बेटी होने की कीमत चुकाए. उफ़ भी ना कर सके. दहलीज..

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क्या वो एक वस्तु है? क्यों धर्म के नाम पर उसका दोहन हो ? क्यों नही इन कुरीतियों के प्रति आवाज़ उठायी जाये? सिर्फ़ सदाचारी होने से सब कुछ नही हो सकता उसके साथ साथ बदलाव लाने की भी हिम्मत करनी पडेगी और कन्यादान की वस्तु नही ये सबको समझना होगा ।

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plzz..thumbs up

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