kavi bihari ka vishwas hai ki sacche maan me hi ram basthe hai bhadya adambaro me nahi. Bihari rachit doho ke sandarbh me prastuth kathan ki samiksha kijiye

बिहारी का मानना है कि बाहरी आडम्बरों से ईश्वर नहीं मिलते। माला फेरने , हल्दी चंदन का तिलक लगाने या छापै लगाने से एक भी काम नहीं बनता। कच्चे मन वालों का हृदय डोलता रहता है। वे ही ऐसा करते हैं लेकिन राम तो सच्चे मन से याद करने वाले के हृदय में रहते हैं। अतः हमें चाहिए कि सारे आंडबर छोड़कर सच्चे मन से राम का नाम लें।

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