Kavi Kavita ke Madhyam Se Kya Kehna Chahta Hai aatmatran Kavita ke liye

'आत्मत्राण' कविता के द्वारा कवि क्या कहना चा​हता है? उसका संदेश स्पष्ट कीजिए। 
आत्मत्राण कविता में कवि मनुष्य को भगवान के प्रति विश्वास बनाए रखने लिए कहता है।  
'आत्मत्राण' कविता के द्वारा हमें यह प्रेरणा मिलती है कि चाहे सब लोग हमें धोखा देते हैं, सभी दु: ख हमारे चारों ओर घूमते हैं,परन्तु ईश्वर पर हमारा विश्वास कम नहीं होना चाहिए, हमारा विश्वास मजबूत बने रहना चाहिए।
उनके अनुसार जीवन में थोड़ा-सा दुख आते ही, मनुष्य का भगवान पर से विश्वास हट जाता है।
कवि अपने आराध्य से आत्मबल प्राप्त करने हेतु प्रार्थना कर रहा है। 
कवि ईश्वर से चाहता है कि वह उसे इतना आत्मबल दे कि वह स्वयं मुसीबतों का सामना कर सके और उन पर विजय पा सके।
दुखों में भी ईश्वर को न भूले, उसका विश्वास अटल रहे।
कविता के माध्यम से कवि यह कहना चाहता है हमें स्वयं मुसीबतों का सामना करना चाहिए और उन्हें जीतना चाहिए।
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