kavita me ganv ko jan man harta kyo keha hai ?

Hi Shivjay,
कवि ने गाँव को इसलिए जन मन हरता कहा है क्योंकि गाँव की प्रकृति सुन्दरता अलग होती है। कवि ने जिस गाँव का वर्णन किया है, वह पहाड़ी इलाकों का हैं, वहाँ चारों ओर जगलों से युक्त पहाड़ उन जंगलों में खिलते विभिन्न तरह के फूल व फल होते हैं। चारों ओर फैले खेत जो अलग ही छटा बिखरते हैं। चारों ओर खिले रंग-बिरगें फूल उनमें घूमती तितलियाँ, दूर-दूर तक जहाँ नजर डालो हरियाली ही हरियाली नजर आती है, उनके बीच बने छोटे- छोटे घर देखते ही बनते हैं। गाँव में प्रदूषण ना होने के कारण रात को सारा आकाश तारों से भरा नजर आता हैं, आकाश में टिमटिमाते तारे मन को मोह लेते हैं। यह सब देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो स्वर्ग में आ गए हैं। यह देखकर मन प्रसन्न हो जाता है। ऐसा लगता हो मानो हमारा मन इस सुंदरता में कहीं खो गया हो।
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आशा करती हूँ कि आपको, आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
ढ़ेरो शुभकामनाएँ!

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