Kindly explain this paragraph to me !
मित्र
व्यवहारवादी लोग स्वहित के लिए ही सोचते हैं। उन्हें अपने से अधिक किसी का ख्याल नहीं होता है। अपने स्वार्थ के लिए वह दूसरे के सिर पर पैर रखने से भी नहीं हिचकते हैं। समाज के पास आदर्शवादी लोग हैं, तभी समाज में अभी भी लोग परोपकारी हैं और दूसरों के हित के लिए सोचते हैं।
व्यवहारवादी लोग स्वहित के लिए ही सोचते हैं। उन्हें अपने से अधिक किसी का ख्याल नहीं होता है। अपने स्वार्थ के लिए वह दूसरे के सिर पर पैर रखने से भी नहीं हिचकते हैं। समाज के पास आदर्शवादी लोग हैं, तभी समाज में अभी भी लोग परोपकारी हैं और दूसरों के हित के लिए सोचते हैं।