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मित्र

अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद:-  अर्थ की दृष्टि आठ प्रकार के होते हैं: -

(1) विधानार्थक :- जिसमें किसी बात के होने का बोध हो। जैसे मोहन घर गया।

(2 ) निषेधात्मक :- जिसमें किसी बात के न होने का बोध हो। जैसे सीता ने गीत नहीं गाया।

(3) आज्ञावाचक :- जिसमें आज्ञा दी गई हो। जैसे यहां बैठो।

(4) प्रश्नवाचक :- जिसमें कोई प्रश्न किया गया हो। जैसे तुम कहाँ रहते हो?

(5) विस्मयवाचक :- जिसमें किसी भाव का बोध हो। जैसे हाय, वह मर गया।

(6) संदेहवाचक :- जिसमें संदेह या संभावना व्यक्त की गई हो। जैसे वह आ गया होगा।

(7) इच्छावाचक :- जिसमें कोई इच्छा या कामना व्यक्त की जाए। जैसे ईश्वर तुम्हारा भला करे।

(8) संकेतवाचक :- जहाँ एक वाक्य दूसरे वाक्य के होने पर निर्भर हो। जैसे यदि गर्मी पड़ती तो पानी बरसता।

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