koi 10 rahim ka doha batiya and pls don't watch or search from internet

बिगरी बात बने नहीं , लाख करे किन कोय।
रहिमान फटे दूध को , माथे ना माखन होय।।

तरुवर फल नहीं खात है , सरवर पियाहि न पान।
कही रहीम परकाज हित संपत सिंचाही सुजान।।






​धीरे धीरे रे मना , धीरे सब कुछ होय।
​माली सींचे सौ घड़ा , ऋतु आये फल होय।

जाल  परे जाल जात बही , तजी मीनन का मोह।
​रहीमन मचरी नीर का , ताऊ न छडाथ चोह।।

एक साधे सब साधे सब साधे एक जय।
रहीमन मूलहि सिंचबो , फूलहि फलहि अघाय।।

जो रहीम उत्तम प्रकृति , का करी सकत कुसंग।
चंदन विष व्यापत नहीं , लपटे रहत भुजंग


 

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I DONT KNOW
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How can we know without searching the internet or the book
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रहीमन याचकता गाहे , बड़े चोट है जात।
​नारायण हो को भायो ,  बावन अंगूर गात।।

बड़े बड़ाई ना करे , बड़े ना बोले बोल।
रहीमन हीरा कब कहे , लाख टक़ा मेरमोल।।

रहीमन जिह्वा बावरी , कही गयी सरग पताल।
आपु तो कही भीतर गयी , जूती खात कपाल।।
 
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एक साधे सब साधे सब सधे सब जाय।
रहीमन मूलहि सिनचबो , फूलहि फलहि अघाय।।

जब लगी वित्त न अपने , तब लगी मित्त न कोई।
रहीम अम्बुज अंबु बिन , रवि तकुर रिपु होई।।
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