Kya azadi ke maine badal gayen hain iske paksh mein passage
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
यह बात सही है कि आज के समय में आज़ादी के मायने बदल गए हैं। भारत ने अंग्रेज़ों की गुलामी से स्वयं को आज़ाद किया था। अपने देश में ही हम गुलामी का जीवन व्यतीत कर रहे थे। हमें खाने-पीने, पहनने-ओढ़ने, पढ़ने, बोलने, चलने इत्यादि तक की आज़ादी नहीं थी। आज हम माता-पिता के टोकने को ही आज़ादी का हनन मानते हैं। आज़ादी का अर्थ बिना बताए चले जाना, मादक पदार्थों का सेवन करने देना, जीवन को नष्ट करना मानते हैं। यह कैसी आज़ादी है, जो हमें सिवाए बर्बादी दे रही है। आज की पीढ़ी इसे आज़ादी समझती है।
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
यह बात सही है कि आज के समय में आज़ादी के मायने बदल गए हैं। भारत ने अंग्रेज़ों की गुलामी से स्वयं को आज़ाद किया था। अपने देश में ही हम गुलामी का जीवन व्यतीत कर रहे थे। हमें खाने-पीने, पहनने-ओढ़ने, पढ़ने, बोलने, चलने इत्यादि तक की आज़ादी नहीं थी। आज हम माता-पिता के टोकने को ही आज़ादी का हनन मानते हैं। आज़ादी का अर्थ बिना बताए चले जाना, मादक पदार्थों का सेवन करने देना, जीवन को नष्ट करना मानते हैं। यह कैसी आज़ादी है, जो हमें सिवाए बर्बादी दे रही है। आज की पीढ़ी इसे आज़ादी समझती है।