kya shantipriy Hona kayarta Ki Nishani Hai


मित्र मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह इस समाज में रहने के लिए अपने कुछ पैमाने या सिद्धांत निर्धारित करता है तथा उन्हीं को आधार बनाकर अपना जीवन-यापन करता है। कई बार हम अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों को चुपचाप सहते रहते हैं। हम सोचते हैं कि शायद कुछ समय बाद सब ठीक हो जाएगा। परंतु हमारी यह सहनशीलना एक हद के बाद कायरता बन जाती है। शांतिप्रिय होना अच्छी बात है किंतुु इसे कायरता की निशानी नहीं समझना चाहिए। हमारी इसी कमज़ोरी का फायदा सामने वाला व्यक्ति उठाता है। भारतीयों पर भी अंग्रेज़ों ने बहुत अत्याचार किए। भारतीयों ने सारे अत्याचार चुपचाप सहे। परंतु उनकी इस सहनशीलता को अंग्रेज़ों ने उनकी कायरता समझा। इसलिए हमेशा अपने सिद्धांतों पर ज़िंदगी जीनी चाहिए। अगर कभी कोई परेशानी आए तो उसका हल ईमानदारी तथा हिम्मत से निकालने का प्रयास करना चाहिए, सफलता अवश्य मिलेगी। 

  • 0
What are you looking for?