LAKHIKA KI MAA LAKHIKAKA AADARSH KYU NAHI BANI

लेखिका के अनुसार उसकी माँ का अपना कोई व्यक्तित्व नहीं था। उसकी माँ सदैव पिताजी की डाँट-फटकर सुना करती थी। वह अनपढ़ थीं। लेखिका की माँ त्यागमयी और ममतामयी हो सकती थी। परन्तु उनके व्यक्तित्व में ऐसी कोई बात नहीं थी कि माँ उनके लिए आदर्श बन पाती। उनका जीवन पति, बच्चे और घर की चारदीवारी तक सीमित था। लेखिका को माँ का ऐसा व्यक्तित्व कभी प्रभावित नहीं कर पाया। अतः वह उन्हें कभी अपना आदर्श नहीं बना सकी।

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