lekhak ne aisa kyon kha ki premchand ke pas kapede nahi he

मित्र लेखक ने ऐसा नहीं कहा कि प्रेमचंद के पास कपड़े नहीं थे। उन्होंने यह कहा कि फोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है, तो पहनने की कैसी होगी? नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी- इसमें पोशाकें बदलने का गुण नहीं है।

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