lekhak ne apna chota sa neeji pustakalay kaise banaya?
मित्र लेखक ने अपना पुस्तकालय धीरे- धीरे पुस्तकें जमा करने के बाद बनाया। उन्होंने सबसे पहले देवदास नामक पुस्तक खरीदी थी। इसके बाद तो वे एक के बाद एक पुस्तके खरीद कर सहेजने लगे। बाद में उनके पास बहुत सारी पुस्तकें इकट्ठी हो गई।