maa ko aapni beti antim ponji kyu lag rahi hai?
Hi!
जिस तरह मनुष्य अपने बुरे समय के लिए धन को बचा कर रखता है, व जब उस पर विपत्ति आती है तो वह बचा धन या अंतिम पूंजी का प्रयोग कर स्वयं को बचा लेता है। जब उसके पास से वह अंतिम पूंजी किसी कारणवश चली जाती है तो उसे दुख होता है। उसी तरह माँ अपनी बेटी को अपने पास धन के समान कीमती जान संभाल कर व सहेज कर रखती है, जब सकी बेटी की शादी होती है तो वह उसी प्रकार दुखी होती है मानो अपनी अंतिम पूंजी अर्थात अपना जमा किया हुआ, वह धन किसी को दे रही हो। वह उसे देना नहीं चाहती परन्तु बेटी को विवाह के पश्चात अपने ससुराल जाना पड़ता है। उसकी अंतिम पूंजी उससे छीन रही है यह सोचकर वह दुखी होती है।
आशा करती हूँ कि आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
ढेरों शुभकामनाएँ!