madhyamik vidyalaya me naitik shiksha ki avyashakta par 300 shabdo ka nibandh likhiye. Please help me undersand this topic. I am not getting any valuable points or Udahran(examples) to write on..

 ​मित्र !

आपके द्वारा माँगा गया माध्यमिक विद्यालय में नैतिक शिक्षा की आवश्यकता पर निबंध इस प्रकार है :

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।  एक समाज का विकास तभी होता है, जब उस समाज में रहने वाले मनुष्य का विकास हो। मनुष्य का सर्वांगीण विकास तब हो सकता है, जब भौतिक शिक्षा के साथ- साथ उसे नैतिक शिक्षा भी दी जाए। नैतिक शिक्षा प्राप्त करने का सही समय बालपन है। विद्यालय में नैतिक शिक्षा प्राप्त करने से, बच्चों के मन और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ये प्रभाव सकारात्मक होता है और सारी उम्र उन्हें सही मार्ग दिखाता है। नैतिकता क्या है? अपने मन को साफ़ रखना, क्लेश उत्पन्न नहीं करना, बड़ों द्वारा दिए गए संस्कारों को ग्रहण करना ही नैतिकता है । अपने साथ-साथ दूसरों के मन में नैतिक मूल्यों का आदान-प्रदान करना ही नैतिकता है। इसकी शिक्षा का उचित समय माध्यमिक विद्यालय ही है।  जिस प्रकार एक पौधे को बड़ा करते समय माली उसका पूरा ख्याल रखता है। उस पौधे को खाद, पानी, धूप और समय पर उसके सूखे पतों को झाड़ कर, उसे हरा भरा रखता है; उसी प्रकार बालक माध्यमिक विद्यालय में भौतिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा प्राप्त कर अपना सर्वांगीण विकास करता है। इससे एक अच्छे समाज का विकास अपने आप ही हो जाता है।  माध्यमिक विद्यालय में नैतिक शिक्षा प्राप्त कर बालक चरित्रवान, गुणवान, धैर्यवान इत्यादि सदगुणों को अपनाता है। उसके अंदर त्याग, परोपकार, भाई चारा तथा वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांतों की भावना साकार होती है, जिसके लिए हमारा देश जाना जाता है।   

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