mahengai par anuched

आज के समय में मध्यमवर्ग को बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। आय के साधन सीमित होने से घर की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो रही है और उस पर बढ़ती हुई इस महँगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है। वैसे ही हमारे देश में अनेक समस्याएँ पहले से ही विराजमान है, अब मँहगाई होना मध्यम वर्ग के लिए और भी भयानक स्थिति पैदा कर रही है। ये महँगाई एक रूप में नहीं है। आज खान-पान, वस्त्रों, घरेलू समानों, रेल टिकटों, हवाई जहाज यात्रा, और पेट्रोल व डीजल की कीमतों में दिखाई दे रही है। मध्यमवर्ग वैसे ही बेरोज़गारी व गरीबी की समस्याओं से आहत है। घर बड़ा है परन्तु घर की सभी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आय कम है, जिसके कारण वह गरीब और गरीब हो रहा है। उसके ऊपर पैट्रोल व डीजल की कीमतों के बढ़ने से उसके कन्धे पर एक बोझ और बढ़ गया है जिसके कारण यात्रा करना भी उसके लिए महँगा पड़ता जा रहा है। घर का किराया बढ़ता जा रहा है। आमदनी में इतनी बढ़ोतरी नहीं होती, जितनी जल्दी अन्य चीज़ों के मूल्यों में बढ़ोतरी हो रही है। जहाँ नज़र डालें मँहगाई का आतंक दिखाई देता है। दूध, फल, सब्जियाँ, दालें, घर में प्रयोग होने वाला समान, कपड़ें, जूते आदि में निरंतर वृद्धि हो रही है। आमदनी का दायरा सीमित है परन्तु मँहगाई का असीमित। इससे लोगों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोगों को घर चलाने के लिए अन्य साधनों को तलाशना पड़ता है जिनसे और आमदनी प्राप्त हो सके। इससे उन पर शारीरिक दबाव बन जाता है। अधिक कार्य करने से शरीर पर विपरीत असर पड़ता है। इलाज करवाने जाता है, तो अस्पताल और दवाईयों का खर्चा उसको तंग करता है। मँहगाई उसका पीछा नहीं छोड़ती। सरकार को चाहिए कि मँहगाई को रोकें। सरकार का कार्य है देश और जनता की भलाई के लिए ऐसे कार्य करे जिससे देश और जनता का विकास हो सके। देश में रहते हुए लोग अच्छा जीवन गुज़ार सकें।

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