Mar jada na rhi ka tatparye kya hai surdas 2 paad tell me fast
प्रिय विद्यार्थी,
उत्तर– ‘मरजादा न लही’ से तात्पर्य है कि गोपियां श्री कृष्ण के प्रति अपने एकनिष्ठ प्रेम को ही अपनी मर्यादा मानती थीं लेकिन जब स्वयं श्री कृष्ण ने निर्गुण भक्ति का ज्ञान उन्हें भिजवा दिया तो उनकी वह प्रेम संबंधी मर्यादा का कोई अर्थ ही नहीं रहा। ‘ मरजादा न लही’ से तात्पर्य उनके प्रेम भाव की मर्यादा के प्रति श्री कृष्ण का वह संदेश था जिसके कारण गोपियों ने अपने जीवन के अन्य सभी सामाजिक– धार्मिक मर्यादाओं की भी परवाह नहीं की थी।
सादर।
उत्तर– ‘मरजादा न लही’ से तात्पर्य है कि गोपियां श्री कृष्ण के प्रति अपने एकनिष्ठ प्रेम को ही अपनी मर्यादा मानती थीं लेकिन जब स्वयं श्री कृष्ण ने निर्गुण भक्ति का ज्ञान उन्हें भिजवा दिया तो उनकी वह प्रेम संबंधी मर्यादा का कोई अर्थ ही नहीं रहा। ‘ मरजादा न लही’ से तात्पर्य उनके प्रेम भाव की मर्यादा के प्रति श्री कृष्ण का वह संदेश था जिसके कारण गोपियों ने अपने जीवन के अन्य सभी सामाजिक– धार्मिक मर्यादाओं की भी परवाह नहीं की थी।
सादर।