mata ka aanchal path ko karib 200-300 sabdo m likhiye

'माता का अंचल' पाठ लेखक शिवपूजन सहाय के बालपन से जुड़ी हुई कहानी है। इस कहानी में ग्रामीण जीवन का बहुत सुंदर चित्रण मिलता है। यह कहानी पिता और पुत्र के प्रेम से आरंभ होती है। भोला के पिता उससे बहुत प्रेम करते हैं। भोला की भोर पिता के साथ आरंभ होकर, रात पिता के साथ ही समाप्त होती है। उसके पिता उसकी हर खुशी का ध्यान रखते हैं। भोला जैसे उनके जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। भोला भी उन्हें बहुत प्यार करता है। कहानी अपने अतिंम पड़ाव पर आकर एक ऐसे मोड़ पर समाप्त हो जाती है, जहाँ पर एक प्रश्न उठ खड़ा होता है। पिता-पुत्र के बीच प्रेम जितना भी गहरा हो परंतु बच्चे के लिए उसकी मातृत्व छाया बहुत महत्वपूर्ण होती है। माँ का आँचल वह स्थान है, जहाँ आकर सभी प्रकार के भय, चिंता, निराशा, दुख और कष्ट समाप्त हो जाते हैं। भोला साँप को देखकर डर जाता है। लेकिन जब वह भागकर आता है, तो पिता के स्थान पर माता की गोद में ही स्वयं को सुरक्षित पाता है। इस कहानी का शीर्षक माँ और बच्चे के बीच प्रेम को समर्पित है। इससे हम यह नहीं कह सकते कि पिता का प्रेम माँ के प्रेम से कम था। परन्तु माँ की स्नेही छाया की कोई बराबरी नहीं कर सकता।

  • 6
  1. 1. Types of respiration in animals Cutaneous respiration Branchial respiration Tracheal respiration Pulmonary respiration
  2. 2. Types of respiration in animalsCutaneous respiration Earthworms gas exchange Adult amphibians
  3. 3. Types of respiration in animals Bony fish Branchial respiration gills internal gills Cartilaginous fish operculum water circulation blood circulationAxolotl external gills
  4. 4. Types of respiration in animalsTracheal respiration Insects tracheaeArachnids air Myriapods spiracle GO BACK
  5. 5. Types of respiration in animalsPulmonary respiration
  • -1
like plz
  • -1
What are you looking for?