mati wali ke pass apne ache bure bhavishya ke baare me sochne ka waqt kyu ni tha?........plz frndzz tell me the answer i m cnfsed

मित्र इस पंक्ति का अर्थ है कि माटीवाली का जीवन परिश्रम से भरा हुआ था। वह सुबह सवेरे निकल जाती थी तथा  मिट्टीखाना से मिट्टी लाकर लोगों को देती थी। उसका पूरा दिन इसी में निकल जाता था। उसके बाद वह पत्ति की सेवा करती थी। उसके पास इतना समय ही नहीं था कि वह यह सोचे उसका आने वाला कल अच्छा होगा या बुरा। बस उसे इस बात की चिंता रहती थी कि उसका पत्ति घर पर कैसा होगा और किस-किस घर पर माटी देनी है। इन सबके बीच वह फंसी रहती थी।

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