meaning of upsarg and pratiyay with examples

उपसर्ग किसी शब्द के आगे लगकर उस शब्द का अर्थ बदल देते हैं। उपसर्ग लगाने का मुख्य कारण यह था की एक शब्द से नए शब्द का निर्माण किया जा सके। देखो कैसे- 'जय' शब्द है यदि हम इसके आगे 'परा' उपसर्ग लगाते हैं तो शब्द बनेगा 'पराजय'। इस तरह 'परा' उपसर्ग ने जय शब्द का अर्थ प्रभावित कर एक नए शब्द का निर्माण कर डाला है। 

यही नियम प्रत्यय में भी लागू होता है बस इसकी स्थिति उपसर्ग से विपरीत है। उपसर्ग शब्द के आगे लगते हैं और प्रत्यय शब्द के पीछे लगकर शब्द का अर्थ बदल देते हैं व नए शब्द का निर्माण करते हैं। देखो कैसे- 'पान' एक शब्द है जिससे पढ़कर हमें ज्ञात होता है कि यह एक पत्ता होता है, जिसमें विभिन्न सामग्री डालकर खाया जाता है। अब देखिए इस शब्द के पीछे 'वाला' प्रत्यय लगाया गया अब यह शब्द होगा 'पानवाला' यानी जो उस पान को बनाता है। अब बात हुई मूल शब्द की तो मूल शब्द वह शब्द कहलाता जिस पर हम प्रत्यय या उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाते हैं। मूल का अर्थ होता है प्रमुख या मुख्य। जैसे- जय व पान।

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