Meera (pad)
11- मीरा की भक्ति-भावना पर प्रकाश डालिए ।
मित्र!
हमारे मित्रों ने आपके प्रश्न का उत्तर दिया है। हम भी अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
मीरा के पदों में कृष्ण की भक्ति का रस है। मीरा अपने को भूलकर कृष्ण के प्रेम में रंगना चाहती है। वे कृष्ण की सेवा करके अपना जीवन सफल करना चाहती है। मीरा के पदों में कृष्ण के प्रति असीम भक्ति और वियोग दिखाई देता है। प्रेम और वियोग की मार्मिक अभिव्यक्ति मीरा ने अपने पदों के माध्यम से की है। मीरा वृन्दावन की कुंज गलियों में गोविन्द लीला का गान करना चाहती हैं क्योंकि श्रीकृष्ण की भक्ति में उनको कई लाभ दिखाई देते हैं। मीरा बाई श्रीकृष्ण की भक्ति करके मोक्ष पाना चाहती है। श्रीकृष्ण की भक्ति का गान करके अपने सारे संकट दूर करना चाहती है। इससे उसे उनकी बांसुरी की मधुर तान को सुनने का मौका मिलता रहेगा।
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मीरा के पदों में कृष्ण की भक्ति का रस है। मीरा अपने को भूलकर कृष्ण के प्रेम में रंगना चाहती है। वे कृष्ण की सेवा करके अपना जीवन सफल करना चाहती है। मीरा के पदों में कृष्ण के प्रति असीम भक्ति और वियोग दिखाई देता है। प्रेम और वियोग की मार्मिक अभिव्यक्ति मीरा ने अपने पदों के माध्यम से की है। मीरा वृन्दावन की कुंज गलियों में गोविन्द लीला का गान करना चाहती हैं क्योंकि श्रीकृष्ण की भक्ति में उनको कई लाभ दिखाई देते हैं। मीरा बाई श्रीकृष्ण की भक्ति करके मोक्ष पाना चाहती है। श्रीकृष्ण की भक्ति का गान करके अपने सारे संकट दूर करना चाहती है। इससे उसे उनकी बांसुरी की मधुर तान को सुनने का मौका मिलता रहेगा।