mekhlakar shabd ka arth kya hai?kavi ne is shabd ka prayog yahan kyon kiya hai/

sahstre drug suman"se kya tatparay hai?is shabd ka prayog kiske liye kiya hai?

नमस्कार मित्र! 
 
मेखलाकार का अर्थ होता है करघनी (टेड़ी-मेड़ी) के आकार की पर्वतों की डाल अर्थात टेड़ी-मेड़ी पर्वतों की श्रृंखला। इसका प्रयोग कविता में पर्वतों के बारे में बताने के लिए किया गया है।
सहस्र दृग-सुमन का अर्थ है-
सहस्र का अर्थ होता है हज़ारों, दृग का अर्थ होता है आँख और सुमन का अर्थ होता है फूल, इस तरह इसका पुरा अर्थ हुआ हज़ारों आँखों के समान दिखने वाले फूल। कवि के अनुसार पहाड़ पर खिले हुए हज़ारों फूल पर्वत की आँखों के समान लग रहे हैं। कवि ने ऐसा इसलिए लिखा है ताकि कविता को सुंदर बनाया जा सके।
 
ढेरों शुभकामनाएँ!

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