mujhe "swatantrata sainik ki atmakatha " par nibandh chahiye

नमस्कार मित्र!
 
इस तरह का निबंध आप स्वयं लिखिए। आप किसी भी स्वतंत्रता सैनिक जैसे- भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, सुभाषचंद्र बोस इत्यादि लोगों में से किसी एक विषय में विस्तृत जानकारियाँ एकत्र कीजिए और उनके विषय में लिखिए। उदाहरण के लिए नीचे देखिए-
 
यह कहानी सन 1857 के समय की है। इस समय में मैंने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। मैं कानपूर के नाना की प्यारी थी। मेरे बचपन का नाम छबीली था। मैं तीर, तलवार, भाले, घुड़सवारी आदि में माहिर थी। मैं अन्य लड़कियों की तुलना में बिलकुल अलग थी। मेरा विवाह झाँसी के राजा गंगाधर राव से हुआ था परन्तु जल्द ही उनकी मृत्यु हो गई। अंग्रेज अफ़सर डलहौज़ी ने झाँसी के उत्तराधिकारी न होने का लाभ उठाया और झाँसी पर अपना कब्जा कर लिया। तब मैंने इसके विरोध में अपनी तलवार उठा ली। पूरे भारत का यही हाल था। अत: भारत के विभिन्न हिस्सों से विरोध की अग्नि भड़क उठी। मैंने युद्ध का बिगुल बजा दिया। युद्ध में मेरा सामना अंग्रेज अफ़सर वॉकर से हुआ, जिसे मैंने धूल चटा दी। कालपी की लम्बी यात्रा के कारण मेरा घोड़ा अत्यधिक थक गया और मृत्यु को प्राप्त हुआ। मैने हिम्मत नहीं हारी और ग्वालियर पर अपना अधिकार कर लिया। एक बार फिर मेरा सामना जनरल स्मिथ से हुआ, वह भी मुझ से हारकर भाग गया। ह्यूरोज ने पीछे से हमला करके मुझे घेर लिया था। मैने सुअवसर देखकर निकलने का प्रयास किया परन्तु मार्ग में आए नाले से मेरा नया घोड़ा घबरा गया। मेरा पीछा करते रहे और उन अंग्रेज सिपाहियों ने मुझे घेर लिया। अंत तक मैंने उनका सामना किया और वीर-गति को प्राप्त हुई। मेरी इस वीरता ने मुझे भारत के इतिहास में वीरांगना के रूप अमर कर दिया।  

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