nagar se bahar nekalkar do pg chalne ke bad sita ke kaya dasha hoyie

मित्र नगर से बाहर निकलकर मार्ग में जाते हुए सीता जी बुरी तरह थक गई थीं। उनके माथे से पसीना गिरने लगा, प्यास के कारण उनके होंठ सूख गए तथा चलते हुए उनके पैरों में काँटें चुभ गए थे।
 

  • 0
What are you looking for?