nibandh on ghayal sainik ki aatmakata
मित्र हम इस विषय पर आरंभ करके दे रहे हैं। इसे स्वयं विस्तारपूर्वक लिखिए-
मेरा नाम नरेंद्र सिंह राणा है। मैं हिमाचल का रहने वाला हूँ। मैं हमेशा अपने कर्तव्य को पूरी जिम्मेदारी से निभाता हूँ। मेरा सीमा पर कई बार आतंकवादियों से आमना-सामना हुआ है। परन्तु इस बार का आमना-सामना बहुत ही भयानक था। हमें पहले से ही उनके आने की खबर मिल जाती थी। परन्तु इस बार हमें उनके आने की सूचना नहीं थी। मैं और मेरे दो साथी चौकी पर थे। आधी रात का समय था। मैंने देखा की दूर से कई आकृतियाँ चल रही है। आधी रात में इस प्रकार सीमा के पास हरकत मुझे अजीब लगी। मैंने अपने साथियों को चेताया और स्वयं जाँच करने के उद्देश्य से वहाँ जाने का निर्णय लिया।....
मेरा नाम नरेंद्र सिंह राणा है। मैं हिमाचल का रहने वाला हूँ। मैं हमेशा अपने कर्तव्य को पूरी जिम्मेदारी से निभाता हूँ। मेरा सीमा पर कई बार आतंकवादियों से आमना-सामना हुआ है। परन्तु इस बार का आमना-सामना बहुत ही भयानक था। हमें पहले से ही उनके आने की खबर मिल जाती थी। परन्तु इस बार हमें उनके आने की सूचना नहीं थी। मैं और मेरे दो साथी चौकी पर थे। आधी रात का समय था। मैंने देखा की दूर से कई आकृतियाँ चल रही है। आधी रात में इस प्रकार सीमा के पास हरकत मुझे अजीब लगी। मैंने अपने साथियों को चेताया और स्वयं जाँच करने के उद्देश्य से वहाँ जाने का निर्णय लिया।....