NIBHAND ON TYOHARO KA MAHATAV
त्योहार प्रत्येक राष्ट्र की संस्कृति का स्वरूप होते हैं। त्योहारों में हमारे इतिहास से जुड़े साक्ष्य और तथ्य छिपे होते हैं। उनको मनाने के पीछे विशेष उद्धेश्य होता है। त्योहरों से हमें ज्ञात होता है कि हमारी संस्कृति कितनी महान है। हर त्योहार को मनाने के पीछे जो कहानी होती है, वह सदैव हमें प्रेरणा देती है। यह हमारी ऐसी धरोहरें हैं, जो सदियों से वैसी की वैसी चली आ रही हैं और आने वाले समय तक वैसी ही रहेंगी। इनमें हमें गर्व होता है और हम उन्हें उसी रूप में बिना किसी विरोध के प्रसन्नता के साथ मनाते हैं। त्योहार सब एक साथ मिलकर मनाते हैं। इस कारण सामूहिक आनंद की प्राप्ति होती है अर्थात हम अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों, सहयोगियों और मित्रों के साथ इन्हें बड़े हर्ष और उल्लास से मनाते हैं, जो सबके बीच प्रेम और स्नेह को बढ़ाते हैं। एक साथ त्योहार मनाने का आनंद ही अलग होता है। इस प्रकार खुशियों में दो गुना बढ़ोतरी हो जाती है। त्योहारों से एक-दूसरे से मिलने का सुअवसर भी प्राप्त होता है और आपसी सहयोग भी बढ़ता है। इस भागदौड़ वाली जिंदगी में एक-दूसरे से मिलने के लिए जहाँ लोगों के पास समय नहीं होता है, त्योहार इन दूरियों को समाप्त कर देते हैं और सबको एक साथ मिला देते है। इनमें सहयोग की भावना को भी बल मिलता है और सब आपस में मिलकर कार्यों को करते हैं। भारत में तो त्योहार सबके बीच एकता और भाईचारे की भावना का प्रसार करते हैं। भारत में विभिन्न धर्म विद्यमान हैं। सभी धर्मों के त्योहार बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं जोकि देश की एकता और अखण्डता के लिए बहुत आवश्यक हैं। त्योहार लोगों के बीच बैर की भावना को दूर करते हैं, इस प्रकार सभी देशवासियों के बीच प्रेम और भाईचारे के संबंध स्थापित होते हैं। इन सभी कारणों को देखते हुए हम त्योहारों के महत्व को सरलता से समझ सकते हैं।