paath dev mein kavi nekrishnaki ankho kochanchal kyu kahah? yeh bhi bataiyeki kavi ne unkimuskan kochand jaisa kyukaha h

मित्र देव ने कृष्ण की आँखों को चंचल इसलिए कहा क्योंकि उनकी आँखों में शरारत छलकती है। वे गोपियो को अपने नैनों के द्वारा प्रेम में वशीभूत कर लेते हैं। उनकी मुसकान भी चाँद के समान बताई गई है। जिस प्रकार चाँद की चाँदनी पूरे आसमान को रोशनी से भर देती है। उसके सुंदरता को बढ़ा देती है। उसी प्रकार कृष्ण की मुसकान भी उनके चेहरे की सुंदरता को कई गुना बढ़ा देती है। 

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