panchi ko aazadikyon chahiye? nibandh
मित्र हम आपको कुछ पंक्ति लिखकर दे रहे हैं। कृपया आप स्वयं इसे विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास करें।
आज़ादी इस संसार में सभी प्राणियों को समान रूप से प्यारी है। एक पक्षी पिंजरे की कैद से अच्छा खूला आकाश मानता है। पिंजरे का ऐशो-आराम उसे कभी नहीं सुहाता है। किसी आज़ाद पशु-पक्षी को पिंजड़े में बंद करना ठीक नहीं है। सभी अपने हिसाब से जीवन जीना चाहते हैं। तो भला पक्षी क्यों नहीं आज़ाद होना चाहेगी। पिंजड़े में बंद चिड़ियाँ अपने मालिक के हिसाब से ही कार्य करती है। उसके अनुसार खाना- पीना पड़ता है। इसके अलावा उसे पिज़ड़ें में कैद होना पड़ता है। ये उनके स्वभाव के विपरीत है। पंक्षियों का स्वभाव है उन्मुक्त होकर उड़ना । ...............
आज़ादी इस संसार में सभी प्राणियों को समान रूप से प्यारी है। एक पक्षी पिंजरे की कैद से अच्छा खूला आकाश मानता है। पिंजरे का ऐशो-आराम उसे कभी नहीं सुहाता है। किसी आज़ाद पशु-पक्षी को पिंजड़े में बंद करना ठीक नहीं है। सभी अपने हिसाब से जीवन जीना चाहते हैं। तो भला पक्षी क्यों नहीं आज़ाद होना चाहेगी। पिंजड़े में बंद चिड़ियाँ अपने मालिक के हिसाब से ही कार्य करती है। उसके अनुसार खाना- पीना पड़ता है। इसके अलावा उसे पिज़ड़ें में कैद होना पड़ता है। ये उनके स्वभाव के विपरीत है। पंक्षियों का स्वभाव है उन्मुक्त होकर उड़ना । ...............