Panktiyon me ras bataiye
(क) निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों में रस बताइए-
(i) हाय! फूल-सी कोमल बच्ची
हुई राख की थी ढेरी।
(ii) मन रे तन कागद का पुतला।
लागै बूँद बिनसि जाय छिन मैं, गरब करै क्या इतना।।
(iii) मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल,
प्रियतम का पथ आलोकित कर।
(i) हाय! फूल-सी कोमल बच्ची
हुई राख की थी ढेरी।
(ii) मन रे तन कागद का पुतला।
लागै बूँद बिनसि जाय छिन मैं, गरब करै क्या इतना।।
(iii) मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल,
प्रियतम का पथ आलोकित कर।
मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
1- हाय! फूल-सी कोमल बच्ची
उई राख की थी ढेरी -करुण रस
2- मन रे तन कागद का पुतला
लागै बूँद बिनसि जाय छिन मैं - शांत रस
3- मधुर मधुर मेरे दीपक जल - शृंगार रस