parayavaran sankatpar eklekhlikhtai huai nivarankai upavai bhi batai.....plz write anesaay its urgent.....

मित्र आप इस प्रकार निबंध लिख सकते हैं-
पर्यावरण हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पृथ्वी इसके बिना अधूरी है। पर्यावरण के कारण ही समस्त प्राणियों का अस्तित्व पनप पाता है। जल, पृथ्वी, आकाश, हवा तथा अग्नि इसके अंग है। प्रकृति और पर्यावरण के बीच बहुत गहरा संबंध है। 'पर्यावरण' प्रकृति की ही देन है। पर्यावरण पृथ्वी के चारों ओर के वातावरण को कहा जाता है। हमारे जीने के लिए आवश्यक तत्वों को बनाए रखने के लिए उसने समस्त बातों का ध्यान रखा है। पर्यावरण पृथ्वी को चारों से ढककर हमारी रक्षा करता है। इस तरह प्रकृति हमारी हर छोटी-बड़ी आवश्कताओं को पूरा करती है। प्रकृति इस बात का ध्यान भी रखती है कि पृथ्वी पर हो रही हर छोटी बड़ी पक्रिया में संतुलन बना रहे। यदि प्रकृति के स्वरूप के साथ छेड़छाड़ की जाती है, तो इसका परिणाम हमें पर्यावरण में साफ़ तौर पर दिखाई देता है। प्राचीनकाल का पर्यावरण बहुत साफ़ और शुद्ध था। इसका कारण था उस मनुष्य आधुनिक नहीं हुआ था। वह प्रकृति के साथ तालमेल बिठाए हुए था। लोगों को प्रकृति सानिध्य प्राप्त था और वह उसके सानिध्य पाकर प्रसन्न थे। परन्तु जैसे-जैसे मनुष्य ने आधुनिकता का जामा पहनना आरंभ किया पर्यावरण दूषित होने लगा। यातायात के साधन इस आधुनिकता का पहला चरण था। बढ़ती आबादी ने सोने पर सुहागा का कार्य किया। फिर तो परमाणु संयंत्र, फेक्टरियों, वनों का अंधाधुंध कटाव आदि ने पर्यावरण को नष्ट करना आरंभ कर दिया। आज हमारे पास जो है, वह दूषित है। इस प्रदूषण के जिम्मेदार हम है। अतः पहल भी हमें ही करनी पड़गी। हमें इससे होने वाले नुकसान से बचने के लिए पर्यावरण का संरक्षण करना आवश्यक हैं ।
 

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