Please answer for 3 and 4

प्रिय विद्यार्थी ,

आपके प्रश्न का उत्तर है -
3. रहीम के तीन अन्य दोहे हैं -
   (i) रहिमन पानी राखिये बिनु पानी सब सून 
      पानी गए न ऊबरे मोती मानुष चून 
   (ii) रहिमन वे नर मर चुके जे कहुँ माँगन जाहिं 
      उनते पहिले वे मुए जिन मुख निकसत नाहिं
   (iii) रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय
       टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय
4. रहीम के दोहे कविता में रहीम ने जीवन के प्रेम , त्याग और वास्तविकता को दिखाया है । पहले दोहे में वे मित्रता के विषय में बताते हुए कहते हैं कि सच्चा मित्र वहीं होता है , जो विपत्ति के समय में हमारा साथ दे । दूसरे दोहे के माध्यम से उन्होंने मछली के प्रेम और त्याग को दिखलाया है । तीसरे दोहे में रहीम ने वृक्ष और तालाब के माध्यम से परोपकार की भावना को दिखलाया है । चौथे दोहे में वे कहते हैं कि क्वार के बादल और निर्धन व्यक्ति (जो पहले धनी थे) वर्तमान को छोड़कर केवल अपने पुराने समय को याद करते हैं । पांचवें दोहे में रहीम कहते हैं कि जिस प्रकार धरती सभी मौसमों को झेलती है , उसी प्रकार मनुष्य को भी सभी परिस्थितियों का सामना करना चाहिए । 

आभार । 
 

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