Please answer last (2parts) of question number 3

मित्र

ग- इससे गोपी का ईर्ष्या भाव प्रकट होता है। गोपी श्री कृष्ण की मुरली को अपनी सौतन समझती है क्योंकि श्री कृष्ण मुरली को अपने अधरों पर हमेशा लगाए रहते हैं।
घ- इस सवैये में गोपी श्री कृष्ण का प्रेम पाने के लिए प्रयत्न करती है। श्री कृष्ण का स्वांग रचकर अपने प्रेम का प्रदर्शन करती है। श्री कृष्ण गोपी केेे मन को बहुत भातें हैं।

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