please give videos for karak because I cannot understand the topic

मित्र हमारे पास इस विषय पर विडियो उपलब्ध नहीं है।हम आपको यह उपलब्ध नहीं करवा सकते हैं। परन्तु कारक पर अध्ययन सामग्री उपलब्ध करवा रहे हैं। यह सरल भाषा में है। अतः हम आशा करते हैं कि यह आपको समझ अवश्य आ जाएगी।-

कारक क्या होता है? इससे पहले, आपको यह समझना होगा की कारक का क्या काम होता है? साधारण शब्दों में कहें तो कारक का काम वाक्य में प्रयोग होने वाले क्रिया शब्दों, संज्ञा शब्दों व सर्वनाम शब्दों को आपस में जोड़ कर संबंध स्थापित करना होता है; जैसे-(1) मेरे पेट में दर्द हो रहा है।इस वाक्य में देखिए 'मेरे ' सर्वनाम शब्द है, 'पेट ' और 'दर्द ' संज्ञा शब्द है और 'हो रहा है ' क्रिया शब्द है। यदि हम वाक्य इस तरह लिखते हैं 'मेरे पेट दर्द हो रहा है ' तो यह वाक्य अटपटा लगेगा। 'में ' कारक शब्द है और यह पूरे वाक्य में 'मेरे ' (सर्वनाम) व 'पेट ' (संज्ञा) और 'दर्द ' (संज्ञा) शब्दों को आपस में जोड़कर कर संबंध स्थापित कर इस अटपटेपन को समाप्त कर रहा है।
कारक के भेद:
1. कर्ता कारक (ने) :- नाम से ही पता चलता है कि यह कारक किसी व्यक्ति के द्वारा किए गए काम को दर्शाता है; जैसे- (1) राम ने खाना खाया।

2. कर्म कारक (को) :- नाम से ही पता चलता है कि इसका प्रयोग कहाँ होता है। यह किसी वाक्य में कर्म को दिखाता है 'शीला घर को जाती है। ' इस वाक्य में घर कर्म है, 'को ' कारक घर पर जाने को जोर दे रहा है।

3. करण कारक (से, द्वारा) :- इस कारक की मदद से हमें कार्य के समाप्त होने का पता चलता है; जैसे- सैफ ने बल्ले से जावेद को मारा। पहले वाक्य में 'बल्ले ' से मारने का कार्य हुआ है, अत: यहाँ 'बल्ले से ' करण कारक है।

4. सम्प्रदान कारक (के लिए, को) :- सम्प्रदान का अर्थ होता है 'देना ' अर्थात् कर्ता (व्यक्ति, करने वाला) जिसके लिए कुछ कार्य करता है अथवा जिसे कुछ देता है, उसे बताने के लिए सम्प्रदान कारक का सहारा लिया जाता है; जैसे- (i) माँ नेहा को रोटी दो।, (ii) मीना भाई के लिए किताब लेकर आई है।

5. अपादान कारक (से):- संज्ञा (व्यक्ति, प्राणी, स्थान या वस्तु) के जिस रुप में एक वस्तु दूसरी से अलग हो, वह अपादान कारक कहलाता है; जैसे- (i) मीना नाव से गिर पड़ी।

6. सम्बन्ध कारक (का, के, की, रा, रे, री) :- जिसे दो वस्तुओं के बीच का रिश्ता पता चलता है, वह सम्बन्ध कारक कहलाता है; जैसे- (1) यह रमेश की बहन है।

7. अधिकरण कारक (में, पर) :- जिस शब्द से हमें किसी क्रिया के स्थान, समय तथा आधार का पता चलता है, उसे अधिकरण कारक कहते हैं; जैसे- राहुल स्कूल में पढ़ता है।

8. संबोधन कारक (!) :- जिससे किसी को बुलाने अथवा सर्तक करने का भाव प्रकट हो, उसे संबोधन कारक कहते है; जैसे - सावधान! आगे खतरा है।  

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