Please help me with this. Lesson is katpulti.
प्रिय विद्यार्थी,
II)
1.कठपुतली यह सोचने लगती है कि धागों में बंधकर वह कितनी परतंत्र है। यह पराधीनता उसे दूसरों के इशारों पर नाचने पर मजबूर कर देती है। उसने कभी अपने पाँव पर खड़ा होना नहीं सीखा। दूसरों की इच्छा से ही वह अपने हाथ-पाँव हिला सकती है। इन सब बंधनों को तोड़कर वह आज़ाद होना चाहती है। परन्तु वह यह भी सोचती है कि स्वतन्त्र होना और अपनी ज़िम्मेदारी स्वयं लेना भी सरल नहीं है।
2. कठपुतली का नाच अठारवीं शताब्दी से प्रचलित है। यह शास्त्रीय नाट्य-कला कथकली से प्रभावित होकर जन्मा है। इसका जन्म केरल से ही हुआ और यह प्रचलित राजस्थान और गुजरात में सबसे अधिक है। अब यह लोक-नाट्य की अभिन्न शैली के रूप में मान्य है।
कठपुतली का असली इतिहास बहुत ही प्राचीन है। 'सिंहासन बत्तीसी ' में राजा विक्रमादित्य के सिंहासन की 32 कठपुतलियों का उल्लेख मिलता है।
आभार।
II)
1.कठपुतली यह सोचने लगती है कि धागों में बंधकर वह कितनी परतंत्र है। यह पराधीनता उसे दूसरों के इशारों पर नाचने पर मजबूर कर देती है। उसने कभी अपने पाँव पर खड़ा होना नहीं सीखा। दूसरों की इच्छा से ही वह अपने हाथ-पाँव हिला सकती है। इन सब बंधनों को तोड़कर वह आज़ाद होना चाहती है। परन्तु वह यह भी सोचती है कि स्वतन्त्र होना और अपनी ज़िम्मेदारी स्वयं लेना भी सरल नहीं है।
2. कठपुतली का नाच अठारवीं शताब्दी से प्रचलित है। यह शास्त्रीय नाट्य-कला कथकली से प्रभावित होकर जन्मा है। इसका जन्म केरल से ही हुआ और यह प्रचलित राजस्थान और गुजरात में सबसे अधिक है। अब यह लोक-नाट्य की अभिन्न शैली के रूप में मान्य है।
कठपुतली का असली इतिहास बहुत ही प्राचीन है। 'सिंहासन बत्तीसी ' में राजा विक्रमादित्य के सिंहासन की 32 कठपुतलियों का उल्लेख मिलता है।
आभार।