Please help me with this. Poem is shaam ek kisan. This is 2 MARKS QUESTIONS:..
प्रिय विद्यार्थी ,
आपके प्रश्न का उत्तर है -
12. कविता के अनुसार किसान ने अपने सर पर साफा बाँधा हुआ है , और उसने अपने घुटनों पर एक चादर रखी हुई है ।
13. आकाश को सिर पर बाँधे साफे के समान कहा गया है क्योंकि जाड़े के दिनों में शाम के समय आकाश की लालिमा जो पहाड़ों को भी छूती है , वह किसी साफे के समान ही प्रतीत होती है ।
14. कविता में सूरज को चिलम की जलती आग के रूप में चित्रित किया गया है ।
आभार ।
आपके प्रश्न का उत्तर है -
12. कविता के अनुसार किसान ने अपने सर पर साफा बाँधा हुआ है , और उसने अपने घुटनों पर एक चादर रखी हुई है ।
13. आकाश को सिर पर बाँधे साफे के समान कहा गया है क्योंकि जाड़े के दिनों में शाम के समय आकाश की लालिमा जो पहाड़ों को भी छूती है , वह किसी साफे के समान ही प्रतीत होती है ।
14. कविता में सूरज को चिलम की जलती आग के रूप में चित्रित किया गया है ।
आभार ।