Please solve it

मित्र

लेखक नदियों को माँ मानने की परपंरा से पहले इन नदियों को स्त्री के सभी रूपों में देखता है जिसमें वो उसे बेटी के समान प्रतीत होती है। इसलिए तो लेखक नदियों को हिमालय की बेटी कहता है। कभी  ये नदियाँ सागर से मिलने को आतुर होती हैं, तो कभी लेखक को उसमें ममता के स्वरूप में बहन के समान प्रतीत होती है जिसके सम्मान में वो हमेशा हाथ जोड़े शीश झुकाए खड़ा रहता है।

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keya we dont have the same book
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