Please tell it fast
मित्र!
प्रस्तुत कविता मनुष्य को गुलामी की बेड़ियों का आभास कराती है। इसमें कवि कठपुतली के माध्यम से हमारे मन में आज़ादी का बीज बोता है। उसके अनुसार गुलामी का जीवन कितना सुविधा-संपन्न क्यों न हो, एक दिन मनुष्य उससे छुटकारा पाना चाहता है। एक मनुष्य के मन में जगी चिंगारी, अन्य लोगों को भी आज़ादी पाने के लिए प्रेरित करती है।
प्रस्तुत कविता मनुष्य को गुलामी की बेड़ियों का आभास कराती है। इसमें कवि कठपुतली के माध्यम से हमारे मन में आज़ादी का बीज बोता है। उसके अनुसार गुलामी का जीवन कितना सुविधा-संपन्न क्यों न हो, एक दिन मनुष्य उससे छुटकारा पाना चाहता है। एक मनुष्य के मन में जगी चिंगारी, अन्य लोगों को भी आज़ादी पाने के लिए प्रेरित करती है।