Pls explain me 2nd,4th,7th, line of this aatmkathya poem?

कविता की दूसरी पंक्ति का अर्थ है कि पेड़ से गिर रही अनगिनत पत्तियाँ इस बात का प्रतीक है कि यह संसार नश्वर है अर्थात समाप्त होने वाला। इसमें आने वाला प्रत्येक मनुष्य एक-न-एक दिन अवश्य मृत्यु की गोद में चला जाने वाला है।

चौथी पंक्ति का अर्थ है कि यह इतिहास रोज़ बनते-बिगड़ते जीवन का गवाह है और यब बहुत हैरान करने वाली बात है कि ये सभी अपनी इस स्थिति पर व्यंग्य करते हुए दिखाई देते हैं। अर्थात जीवन स्वयं के अस्तित्व पर हँसता दिखाई देता है।

सातवीं पंक्ति का अर्थ है कि लोग मुझे मेरी आत्मकथा लिखने के लिए कहते हैं। वे मेरी आत्मकथा पढ़कर उसमें रस लेना चाहते हैं। परन्तु मेरी आत्मकथा पढ़कर मुझे खाली करने वाले लोगों पर यह बात उल्टी न पड़ जाए। मेरे आत्मकथा से तुम्हें रस तो अवश्य मिल जाएगा परन्तु मुझसे दोबारा वह आनंद नहीं प्राप्त होगा।

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