plz give me summary of chapter ek kahani yeh bhi
मन्नू भंडारी द्वारा लिखित 'एक कहानी यह भी' बहुत उत्कृष्ट रचना है। लेखिका ने बहुत सुंदर भाषा शैली का प्रयोग करके कहानी में जान डाल दी है। इस कहानी में लेखिका ने स्त्री के विभिन्न रूपों को दर्शाया है। उनकी माँ आदर्श पत्नी और स्नेही माँ हैं, उनकी अध्यापिका शीला अग्रवाल एक सुलझी और स्वतंत्र विचारों की स्त्री है, वहीं लेखिका स्वयं एक सशक्त और सबल स्त्री के रूप में है। इस कहानी में उस समय के सामाजिक और राजनैतिक जीवन में चल रही उथल-पुथल का भी परिचय मिलता है। कहानी कई घटनाओं का ताना-बाना लिए चलती है। लेखिका के पिता लोगों द्वारा धोखा खाए व्यक्ति हैं। लेखिका उनकी सबसे छोटी बेटी है। लेखिका को उन्होंने सदैव नकारा है क्योंकि वह अपने अन्य भाई-बहनों की अपेक्षा दुबली, पतली और सांवले रंग की है। परन्तु उसका व्यक्तित्व अन्य से भिन्न है। वह सभी बेड़ियों को तोड़कर स्वयं के व्यक्तित्व को नई दिशा देती है। स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में वह बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। पिता जहाँ समाज के नियमों पर चलना चाहते हैं और समाज में विशिष्ट भी कहलवाना चाहते हैं। उनकी दोहरी मानसिकता लेखिका के लिए परेशानी का कारण बनती है। वह कभी उनके कोप का भाजन बनती है, तो कभी वह पिता के गौरव का कारण भी बनती है। इस उधेड़बुन में उलझी लेखिका पिता को समझने में असमर्थ होती है।