Plz tell me the summary of this poem..
इस रचना में देव जी ने चाँदनी रात का वर्णन किया है। चाँदनी रात में सारा वातावरण दुग्धमय-सा लगता है, जो ह्दय को आनंदित करता है। वह विभिन्न उदाहरणों द्वारा प्रकृति की सुंदरता की तुलना करते हैं। चंद्रमा को राधा के प्रतिबिम्ब के समान बताते हैं। देव जी ने चाँदनी रात का बहुत मनोहारी वर्णन किया है। दुध, दही, मल्लिका के फूलों से उन्होंने अपनी बात को सिद्ध किया है।