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प्रिय विद्यार्थी ,
आपके प्रश्न का उत्तर है -
7. 'भाव भगती जागीरी पास्यूँ' का अर्थ भाव और भक्ति रूपी जागीर है । मीरा कृष्ण की दासी बनने को तैयार है क्योंकि उसे कृष्ण की भावभक्ति चाहिए ।
8. कबीर ने हिरण और कस्तूरी के माध्यम से ईश्वर की उपस्थिति को समझाना चाहते हैं । जिस प्रकार कस्तूरी हिरण की नाभि में ही होता है और हिरण उसे पूरे वन में ढूँढता है , उसी प्रकार ईश्वर हर जगह व्याप्त हैं और हम उन्हें विभिन्न जगहों , तीर्थ स्थलों पर ढूंढते हैं ।
आभार ।
आपके प्रश्न का उत्तर है -
7. 'भाव भगती जागीरी पास्यूँ' का अर्थ भाव और भक्ति रूपी जागीर है । मीरा कृष्ण की दासी बनने को तैयार है क्योंकि उसे कृष्ण की भावभक्ति चाहिए ।
8. कबीर ने हिरण और कस्तूरी के माध्यम से ईश्वर की उपस्थिति को समझाना चाहते हैं । जिस प्रकार कस्तूरी हिरण की नाभि में ही होता है और हिरण उसे पूरे वन में ढूँढता है , उसी प्रकार ईश्वर हर जगह व्याप्त हैं और हम उन्हें विभिन्न जगहों , तीर्थ स्थलों पर ढूंढते हैं ।
आभार ।