"praacheenkaal me bhaarat me naari sikshaa ka prachlan tha " . Aachaarya mahaaveer prasad diwedi ke iss kathan ke paksh me tark dijiye .


प्राचीन भारत की स्त्रियां विदुषी थी. विश्वरा ऐसी नारी ने वेद मंत्रों की रचना की. शीला, विज्जा, ​अत्रि-पत्नी ,गार्गी और मंडन मिश्र पत्नी ​इत्यादि विदुषी थी,अत्रि की पत्नी ने पत्नी धर्म पर व्याख्यान दिया था ,गार्गी ने बड़े-बड़े ब्रह्म- वादियों को हरा दिया था, मंडन मिश्र की पत्नी ने शंकराचार्य के छक्के छुड़ा दिए थे, रुकमणी द्वाराकृष्ण  को लिखा गया प्रेम पत्र उसके सुशिक्षित होने का प्रमाण है. सीताभी ब्रम्हज्ञानी जनक कीधर्मशास्त्रज्ञ कन्या थी .
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