practical idealist ka kya mahatva he
क्योंकि वह आदर्शों को व्यवहार में मिलाकर प्रयोग करते थे। उनके आदर्श कोरे कहने के लिए नहीं थे। वह उन्हें अपने व्यवहार में शामिल कर प्रयोग में लाते थे। उदाहरण के लिए यदि वह कहते थे कि झूठ बोलना पाप है, तो वह पहले स्वयं झूठ बोलना छोड़ देते थे। धीरे-धीरे इन्हें अपने व्यवहार में शामिल कर लेते। इसके बाद यह आदर्श का रूप धारण कर लेते थे। इसलिए उन्हें practical idealist कहा जाता था। इससे फायदा यह होता है कि हम समाज का भला कर सकते हैं। उसे नयी दिशा दे सकते हैं।