prakati ki god mein par anuched

मित्र हम आरंभ करके दे रहे हैं। इसे आप स्वयं विस्तारपूर्वक लिखिए। इससे आपका अच्छा अभ्यास होगा।
प्रकृति की गोद में वो सुख है, जो हज़ारों की संपत्ति पाकर भी नहीं मिलता। इसके सानिध्य में रहकर मनुष्य जीने की प्रेरणा पाता है। प्रकृति की हरियाली में सुख और शांति है। आधुनिकता में सुविधाएँ है परन्तु सुविधाएँ जीने के लिए काफी हो यह भी संभव नहीं है। एक समय था जब चारों ओर आधुनिकता के लिए लोग मारे-मारे फिरते थे। आज एक समय है, जब मनुष्य प्रकृति की ओर मुड़ रहा है। आधुनिकता मे आकर्षण है परन्तु उस आकर्षण का प्रभाव लंबा नहीं होता है। जब इस आकर्षण का मोहपाश खुलता है, तो मनुष्य हतप्रत रहा जाता है। प्रकृति का प्रभाव सरल, शांत सुखकारी है, यहां शीतलता है, चंचलता है, विरल शांति है, मन को प्रसन्न करने वाले दृश्य है। अतः हे मनुष्य तुम इसकी ओर बढ़ो और अपने जीवन को सुख से भर लो।

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