purane khel aur aaj ke khel ki samagri , aaj ke gaanv aur purane gaanv , aaj ki pooja aur purani zamane ki pooja me antar batao.

मित्र हमारी वेबसाइट में इस पाठ के प्रश्नोंत्तर दिए गए हैं। आप वहाँ से देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त पूजा के विषय में हम आपको जानकारी दे रहे हैं।
पहले की पूजा में लोग पूरा समय लेते थे। जीवन में पूजा को विशेष महत्व दिया जाता था। जिस प्रकार भोला के पिताजी कागज़ पर भगवान का नाम लिखते हैं, आज के समय में ऐसा देखने को नहीं मिलता है। पहले पूजा परंपरागत तरीके से होती थी। इसमें शंख, पुष्प, दीपदान इत्यादि होते थे। परन्तु आज नाममात्र के लिए पूजा की  जाती है।

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