Q no 3 pls
प्रिय विद्यार्थी ,
आपके प्रश्न का उत्तर है -
दूसरे पद में मीरा कृष्ण से कहती हैं कि आप मुझे अपनी चाकर बना लो । आपकी दासी बनकर मैं हर दिन आपके दर्शन पा सकूँगी । मैं वृंदावन की गलियों में कृष्ण का गुणगान करूँगी । इसके अलावा मीरा कृष्ण के सौन्दर्य का वर्णन करते हुए कहती हैं कि कृष्ण के शरीर पर पीले वस्त्र , गले में वैजयंती की माला और सर पर मोर मुकुट शोभायमान हो रहा है । मीरा कुसुंबी साड़ी पहनकर कृष्ण के दर्शन करना चाहती हैं । अंत में मीरा कहती हैं कि वे कृष्ण से मिलने को बहुत ही व्याकुल हो रही हैं और वे चाहती हैं कि कृष्ण अपने दर्शन देकर उनकी व्याकुलता को दूर करें ।
आभार ।
आपके प्रश्न का उत्तर है -
दूसरे पद में मीरा कृष्ण से कहती हैं कि आप मुझे अपनी चाकर बना लो । आपकी दासी बनकर मैं हर दिन आपके दर्शन पा सकूँगी । मैं वृंदावन की गलियों में कृष्ण का गुणगान करूँगी । इसके अलावा मीरा कृष्ण के सौन्दर्य का वर्णन करते हुए कहती हैं कि कृष्ण के शरीर पर पीले वस्त्र , गले में वैजयंती की माला और सर पर मोर मुकुट शोभायमान हो रहा है । मीरा कुसुंबी साड़ी पहनकर कृष्ण के दर्शन करना चाहती हैं । अंत में मीरा कहती हैं कि वे कृष्ण से मिलने को बहुत ही व्याकुल हो रही हैं और वे चाहती हैं कि कृष्ण अपने दर्शन देकर उनकी व्याकुलता को दूर करें ।
आभार ।